In the series of Indians unbelievable ancient sculptured architectural monuments like, Tarangaji, Modheraji, Shree Adishwar Dada Jinalay Palitana, Shree Ranakpurji, Shree Dwarkaji, Shree Somnathji, Khajurahoji Temple & Much More.... is an upcoming, enormous mahaprasad “Shri Tribhuvantarak Aadinath Tirthdham”
महाराष्ट्रमां सर्वप्रथम महाविशाल आदिनाथ कमलभूषण महाप्रासाद आकाशने आंबतु 108 फुट उंचो, लगभग 13000 स्कवेर फूट वालो विशाल मंडप जे लगभग आखा भारतमां सौथी मोटो विशाल मंडप हशे. 18X18 उंचा थांबलावालो, लगभग 23’ उंचा मंडोवरवालो, 1117 नानामोटा शिखरोथी युक्त, लगभग 10 माळ उंचो, 32‘.9” X 32‘.9” जेनो गर्भगृह छे. रंगमंडपमां 2500 थी अधिक भाविको चैत्यवंदन करी शके तेवो विशाल, शिखरनुं भदर (नीचे थी) (एक छेडे थी बीजो छेडो) लगभग 70‘ पहोळो, प्राचीन शिल्प स्थापत्योमां 1 नंबरनी हरोळमां आवतो, वास्तु, शिल्प, स्थापत्य नो अजोड नमूनो, धुमली (गुजरात-सौराष्ट्र)ना प्रासादना रगंमंडपने समन्वय करतो, खजुराहोना मंदिरनी त्रण जंघावाळा मंडोवरनी झांखी करावतो, तारंगाजीना मंदिरना शिखरना झरुखानी याद अपावतो. सोमनाथना मंदिरनी उंचाईने स्पर्शतो, गर्भगृहमां दादानी मूर्ति जेवी 85‘ नी उंचाई वाळी आबेहूब मूर्तिना दर्शन करावी श्री शत्रुंजय दादानी याद अपावती प्रतिमा, जेमां बाहर मंडोवरमां 1300 थी अधिक रुपकाम कलायुक्त देवदेवीयो आदि मूर्तिओं तथा 600 थी अधिक हस्तिपीठयुक्त, सुंदर कलाकारीगरी थी युक्त महाथांभलाओनी हारमालाओथी सुशोभित....... आ महाप्रासाद हशे, जय जय बोलो आदिनाथ, प्राचीन तीर्थनी क्यारे पण मुलवणी के प्रतिकृति बनाववनो आपणे विचार सुद्धा नथी करता परंतु तेनी एक नानी रेप्लिका द्वारा आपने ए मंदिरोने स्मृतिमां लावता होइए छीए.